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डेंटल इंप्लांट एक नयी तकनीक है, जो सर्जरी के जरिये की जाती है। सबसे पहले टाइटेनियम नाम के धातु को जबड़े में डाल दिया जाता है और वह हमेशा के लिए रहती है। इसे 2-3 महीने तक मुंह में रखा जाता है जिससे ये आस्टियोइंटीग्रेशन के माध्यम से आपस में जुड़ जाये, जिससे डाला गया स्क्रू हमेशा के लिए फिट हो जाये। 3 महीने बाद स्क्रू के ऊपर एक क्राउन (प्रोस्टेथिक वर्क) लगा दिया जाता है। यह एक दांत और पूरे जबड़े के लिए इंप्लांट किया जा सकता है। आजकल मेटल फ्री क्राउन का प्रयोग हो रहा है। इससे डेंचर्स से छुटकारा मिल जायेगा।
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